वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
बाम अंग सोहत छवि more info न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
तज्ञमज्ञान – पाथोधि – shiv chalisa in hindi घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
बृहस्पतिदेव की कथा
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥